मंगलवार, 5 जनवरी 2016

नपुंसकता जिंदाबाद

   भारत कृषि प्रधान देश तो रहा नहीं | डिजिटल प्रधान भी नहीं | अगर भारत के चरित्र में कुछ सार्वभौम हैं तो वो हैं नपुंसकता | हम नपुंसक हैं | नपुंसकता जिंदाबाद | और हमारी नपुंसकता रातो रात नहीं आई है | इसे हमने इसे विकसित किया हैं | जब भी हमे इसका अहसास दिलाया गया हमने इसे अहिंसा का पाठ बताया | क्यूंकि हमारी अहिंसा हैं अकर्मण्यता | हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना |
           वो बढ़ रहे , हमारे बाहर भी और हमारे अंदर भी | जाकर देखो गलियों में किसके झंडे हैं | वो इस्लाम का झंडा नहीं हैं | इस्लाम का कोई झंडा नहीं हैं | वह  नबी का भी झंडा नहीं हैं | वह खलीफा का झंडा हैं | जिसने पूरी दुनिया पर एक हुकूमत का सपना देखा था | २१वि सदी का खलीफा हैं  अबू अल बक्र बगदादी | जो चाहता हैं कि पूरी दुनिया उसके कब्जे में हो |

                     पठान कोट में जो हुआ | कोई नई बात नहीं | पकिस्तान पार से अवैध मेहमान आते हैं | यहाँ रहते हैं | यहाँ पढ़ते हैं | पढाते है | आप एक शब्द कह दीजिये पकिस्तान के खिलाफ 10 में से 9 आपके खिलाफ खड़े हो जायेंगे | कहेंगे भारतीय  सेना वह जुल्म कर रही | कश्मीर पकिस्तान का हैं |
                           ये जुल्म भी अजब चीज हैं | दुनिया में कही भी कोई मुस्लिम मारा जाता हैं वो उसे बेगुनाह बताते हैं | HD क्वालिटी में इनके पास दंगो के विडियो होते हैं | और जैसे ही कोई अन्य  धर्म का मारा जाता हैं | ये सब बचाव में उतर जाते हैं कि एक मुस्लिम ऐसा नहीं कर सकता |
                      अरे हैं हिम्मत तो कहो कि कोई इन्सान ऐसा नहीं कर सकता | पर नहीं | क्यूंकि सवाल इस जहाँ का नहीं हैं | आपको जन्नत कि पड़ी हैं | जो मिलेगी आपको दावते इस्लाम से | जब तक आप पूरी दुनिया को मुस्लिम नहीं बनायेंगे | आपको आपका जन्नत मुबारक हो | मुझे मेरा वतन बख्श दो |