शनिवार, 31 मार्च 2018

हनुमान जयंती

Hanuman जयंती ।

आज दिन भर हनुमान की भिन्न छवियां मेरे मोबाइल पर दिखती रही। हनुमान पंचमुखी थे। या उन्हें मान लिया जाता है।

   शास्त्रोक्त यह भी है कि हनुमान पाँच भाई थे।

मेरी दृष्टि से मैं हनुमान हो पाँच हिस्सो( कालखण्ड ) में देखता हूँ।

पहला हिस्सा राम मिलन से पहले। वे अतुलित बलधाम है। ऊर्जा को इकट्ठा करना सीखते है। परंतु उस ऊर्जा को छोटे टारगेट पर नष्ट नही करते।

दूसरा हिस्से में आता है लँका विजय तक का समय। निष्ठा देखिये।

तीसरे हिस्से में द्वापर

पहले पौण्ड्रक को बहका देते है।

फिर भीम का अभिमान तोड़ देते है।

अंत मे अर्जुन के रथ में विराज जाते है।

चौथे हिस्से में तुलसीदास की प्रेरणा है। अष्टसिद्धि के स्वामी संस्कृत से अनभिज्ञता का अभिनय करते है।

पंचम में हरिनगर में दक्षिणमुखी, संकटमोचन बने है। ये पंचम जागृत नही हो रहा। आलम्बन नही मिल रहा।

आ लौट के आ हनुमान।

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