10 दिन में 10 झूठ और 10 सच।
देश किससे लड़े।पाकिस्तान और खिलाफत के हुक्मरानों से, तथाकथित भटके जवानों से या झूठे मक्कारों से जो देश को गुमराह कर रहे।
एक तस्वीर 2017 से है जिसे वामपंथी कविता कृष्णमूर्ति हुतात्माओं की अंतिम विदाई की बता छाप देती है। जब तक सच आता झूठ आगे निकल गया।
दूसरा crpf जवानों को गुलेल पकड़ाने वाले पूछ रहे कि कार कैसे आयी। रोड क्लेरेंस पार्टी को रोड ब्लॉक करने की इजाजत किसने हटवाई थी।
तीसरा bsf का एक लेटर दिखा कहा जा रहा कि भई एयर पिक क्यों नही किया।
चौथा मंत्री अल्फांसो की तस्वीर क्रॉप कर दी सिर्फ ये जताने की मंत्री ने सेल्फी ली थी।
पांचवा अफजल गुरु की बरसी मनाने वाले कह रहे चुनावी हल्ला है। बीजेपी ने कराया है हमला।
छठा शूटिंग प्रधानमंत्री वाले पूछ लें कि कितने बजे क्या हुआ।
सातवाँ सर्जिकल स्ट्राइक को झुठलाने वाले लोग एक सलाहकार समिति में रिसोर्स पर्सन के रूप में जनरल हुड्डा से बात करते है फिर खबर फैलाते है कि भाई ये हमारी पार्टी में आ गए है।
आठवाँ जब लगता है कि जनता और सरकार हमारे प्यारे पाकिस्तान के प्रति आक्रोश में है , तो यह जाति भेद का विष लाते है कि भई कम जात वाले मारे गये।
नवाँ मिस जनु शेहला रसीद यह अफवाह फैलाने मेलग जाती है कि कश्मीरी लड़कियों को तंग किया जा रहा।
दसवाँ सबका कसूर है मेरा प्यारा पाकिस्तान बेकसूर है। उन्हें बस इधर गलतियों का अंबार दिख रहा। इस बहाने वह आतंकवाद के हर कृत्य को सही ठहरा रहे।
ऐसे झूठ रोज आएंगे। युद्ध हम चाहते है। पाकिस्तान का विनाश चाहते है । पर ये छद्म लोग कुछ नही चाहते , ये आतंकियों का सेफ्टी वॉल्व है।
ये चाहते है आपका गुस्सा उन पर न निकले। उन पर शिकंजा कस रहे सरकार पर निकले।
ताकि जनसमर्थन का अभाव हो आपकी लौ कम हो। और हर हमले की तरह हम ये भी भूल जाये।
देश क्रान्तिकारिक कदमों की ओर बढ़ रहा।
जल सन्धि और व्यापार खत्म किये जा चुके है।
अंतराष्ट्रीय समर्थन आ चुका है।
युद्ध तब ही होगा जब सरकार पर यह दबाव रहेगा।
नही तो फिर बच जाएगा पाकिस्तान।
और जब तक पाकिस्तान रहेगा , किसी समस्या कोई हल सम्भव नही।
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